जेल में बंद भाइयों को राखी नहीं बंाध सकी बहनें
- कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव
- जेल के मुख्य गेट पर राखी-मिठाई लेकर बंदियों तक पहुंचाई गईं
जोधपुर.
कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव सोमवार को रक्षाबंधन पर जोधपुर सेन्ट्रल जेल में भी नजर आया। संक्रमण फैलने के डर से बहनें जेल में बंद भाइयों को राखी नहीं बांध पाईं। हर वर्ष बहनों की वजह से चहल-पहल रहने वाली जोधपुर सेन्ट्रल जेल इक्का-दुक्का बहनों को छोड़ दिन भर सूनीं नजर आईं।
जेल सूत्रों के अनुसार सेन्ट्रल जेल में बारह सौ से अधिक बंदी व कैदी बंद हैं। हर साल रक्षाबंधन पर जोधपुर शहर व आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में बहनें जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने पहुंचती हैं। जेल प्रशासन की ओर से जेल परिसर में बहन-भाइयों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बंदियों से मिलने पर रोक की वजह से राखी पर बहनें जेल नहीं आईं। यही वजह रही कि संभवत: पहली जोधपुर सेन्ट्रल जेल में रक्षाबंधन पर दिनभर सन्नाटा रहा।
मुख्य द्वार पर राखी-मिठाई लेकर बंदियों तक भेजी
जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी का कहना है कि कोरोना की वजह से बंदियों से मिलने पर रोक है। रक्षाबंधन के उपलक्ष में कोई दिशा-निर्देश न मिलने से यह रोक जारी रही। रक्षाबंधन से कुछ दिन पूर्व ही बहनें राखियां व मिठाई लेकर जेल आने लग गई थी। इनसे मुख्य द्वार पर ही राखी-मिठाई ले ली गई और उन पर नाम लिखकर संबंधित बंदी तक पहुंचा दी गई। रक्षाबंधन पर भी इक्का-दुक्का बहनें जेल पहुंची। जेल प्रहरियों ने उनसे भी गेट पर राखी व मिठाई के पैकेट ले लिए और संबंधित बंदी तक भिजवा दी गई।