सर्वार्थसिद्धि योग पापों से मुक्ति दिलाने वाली और संतान सुख का आशीर्वाद देने वाला योग
3 अगस्त को भद्रा नक्षत्र के बाद सुबह 8 :28 मिनट से रात 8:20 मिनट तक राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त
सुलतानपुर । इस साल 3 अगस्त को पड़ने वाले रक्षाबंधन पर्व पर 29 साल बाद विशेष अमृत योग बन रहा है । इस बार सावन के आखिरी दिन पूर्णिमा पर श्रावण नक्षत्र भी है । जिससे इस दिन प्रीतियोग , आयुष्मान योग और सर्वार्थसिद्धि योग भी है । जो इस दिन को दुर्लभ बनाता है । यह बातें आचार्य डॉ शिवबहादुर तिवारी ने कही ।
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इस दिन भगवान शिव करते हैं धरती पर भृमण
आचार्य श्री तिवारी ने कहाकि सावन का अंतिम और 5वां सोमवार रक्षाबंधन के दिन 3 अगस्त को है। ऐसे में सावन में भोलेनाथ की पूजा और उपासना का विशेष महत्व होता है। सावन के आखिरी सोमवार को प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है, इसलिए इस शुभ संयोग में पूजा करने से पूजा का फल दोगुना मिलता है। आचार्य श्री ने बताया कि सावन के आखिरी सोमवार को ही पूर्णिमा तिथि है। इस दिन चंद्रमा के मकर राशि में होने से प्रीति योग बन रहा है। यह शुभ संयोग सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। पूर्णिमा और सोमवार और रक्षाबंधन के इस अद्भुत संयोग को सौम्या तिथि माना जाता है। मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती का भ्रमण करने के साथ ही अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
बहनें पश्चिम दिशा में मुंह करके बांधें राखी
आचार्य डॉ शिवबहादुर तिवारी ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन बहनें को मेहंदी रचे हाथों से भाइयों को तिलक कर दाहिनी कलाई पर राखी बांधनी चाहिए । ज्योतिशास्त्र के मुताबिक, भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधना ही शुभ होता है। बहनों को भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बांधते समय हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके राखी बांधनी चाहिए और भाइयों का मुंह हमेशा पूरब की दिशा में ही होना चाहिये । ऐसा करने से शुभ फलकारक होता है ।