कोरोना कालखंड में भारत के ज्यादातर हवाई अड्डों पर बहुत ही सीमित स्टाफ के साथ काम किया गया। यात्री उड़ानें भी बहुत कम मात्रा में संचालित हुईं। इंदौर जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जहां रोज 5 से 10 हजार यात्री उड़ान भरते थे, वहां अभी भी 500 के लगभग लोग ही रोज यात्रा कर रहे हैं।
इंदौर हवाई अड्डे पर सेनेटाइजेशन के लिए अल्ट्रावाइलेट बॉक्स के साथ ही यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
कोरोना काल में मेडिकल फ्लाइट और कार्गो फ्लाइट ही ज्यादा संचालित हुईं। कर्मचारियों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया।
जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता तब तक स्थितियां सामान्य होने की उम्मीद कम ही है और 2020 में हालात शायद ही सामान्य हों।
हवाई अड्डे पर भले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों, लेकिन कोरोनावायरस के चलते न सिर्फ विमान यात्रा बल्कि किसी भी तरह की यात्रा से लोग फिलहाल बच या कहें कि डर रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर ही लोग यात्रा के लिए घर से निकलते हैं। हालांकि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, उम्मीद है कि विमानन क्षेत्र भी बुरे दौर से
इंदौर हवाई अड्डे पर यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
1 जून से पूरी स्ट्रेंथ के साथ काम कर रहे हैं कर्मचारी
सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के लिए एआई सिस्टम
अभी लोग मजबूरी में या बहुत जरूरी होने पर कर रहे हैं यात्रा
लोगों में कोरोना का डर, 2020 में हालात सामान्य होने की उम्मीद कम