मुस्लिम होकर गहरे रामभक्त, भक्ति की अनूठी मिसाल कायम कर रहे मोहम्मद फैज। मोहम्मद फैज रायपुर से श्री राम के ननिहाल गांव चंद्र खुरी से मिट्टी लेकर पैदल 800 किलोमीटर का सफर तय कर अयोध्या के लिए निकले है। रामभक्त फैज पहुंचे अनूपपुर जहां हमारी मुलाकात उनसे हुई। हमारे देश मे राम भक्तो की कमी नही है, उन्ही में से एक है, रामभक्त फैज जो रायपुर से मिट्टी ले कर पैदल अयोध्या के लिए निकले थे। वह देर रात अनूपपुर पहुंचे, जहां कुछ लोगों ने उनसे मुलाकात की और उनके विचार जाने। फैज ने शोसल मीडिया में उठते विरोध के स्वरों पर कहा कि यह देश के लोगो का विरोध नही है, कुछ पाकिस्तानी फेक iआईडी बना कर इस तरह से अफवाह फैला रहे है, रामभक्त का कोई विरोध नही करता। मैं इतना पैदल चलता हूं, और यात्रा में सभी रामभक्त मुझे मिलते हैं गले से लगाते है, भगवान राम का छत्तीसगढ़ से नाता है। माता कौशल्या छत्तीसगढ़ से हैं और आज भांजे के घर मे कुछ हो रहा है तो मैं भेंट स्वरूप मिट्टी ले कर जा रहा हूँ। 800 किलोमीटर की पैदल यात्रा को पूर्ण कर मोहम्मद फैज रायपुर से अयोध्या पहुंच 5 अगस्त तक पहुंचने का संकल्प लेकर निकल गए। राम जी के ननिहाल चंद्र खुरी गांव, यह वह जगह है जहां माता कौशल्या का जन्म हुआ और यहां उनका मंदिर भी है। रामायण अनुसार छतीशगढ़ को प्राचीन समय में दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था और कौशल्या का मायका यह चंद्र खुरी गांव था। फैज यहां की पवित्र मिट्टी लेकर निकले हैं। मोहम्मद फैज की इस भक्ति से लोगों में अचरज है कि एक मुस्लिम होकर हिन्दू धर्म का इतना बड़ा अनुयायी क्यों? फैज का कहना है कि हम यदि भारत के निवासी है तो यहां के सबसे पुराने सनातनी हिन्दू धर्म का अनुयायी हमें होना चाहिए।