शामगढ़ से 65 किलोमीटर दूर मंदसौर जिले की तहसील सीतामऊ में स्थित चंबल नदी के दोनों किनारों पर एक तरफ मंदसौर जिला और दूसरी तरफ रतलाम जिला, बीच में चंबल नदी का बहाव और बीच नदी में ही मां जोगणिया कुंड के नाम से विश्व विख्यात मां का दरबार। जहां हर साल लाखों की संख्या में लोग यहां दर्शन लाभ एवं मन्नते सुख समृद्धि के लिए परिवार की मन्नतें मांगते हैं। वही मन्नते पूर्ण होने पर यहां पर बकरों की बलि भी चढ़ाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि बकरों की मुंडी मंदिर के पास बने कुंड में प्रवाहित की जाती है। मुंडी पानी के ऊपर नहीं आती। वही कोरोनावायरस में लोगों का आना जाना भी कम ही चल रहा है जहां कोरोनावायरस से पहले मंदिर में हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचते हैं और दर्शन लाभ लेते हैं लेकिन कोरोना के चलते कम ही लोग वहां पहुंच रहे हैं। वहीं पर मंदिर में चंबल नदी के दोनों छोर पर मां के दो स्थान बनाए गए हैं जिन की आकृति के ऊपर दोनों स्थानों पर मगरमच्छ बनाया गया। वही मगरमच्छ के नीचे मां विराजित हैं। कोई भी पुजारी वहां पूजा नहीं करता है सिर्फ सेवादार ही है मंदिर के जो वहां हरदम मौजूद रहते हैं। चंबल नदी के बीचो-बीच स्थान और वर्षा ऋतु में दोनों स्थान डूब जाते हैं लेकिन भक्तों के लिए अलग-अलग जगह मंदिर के रूप में मनाए गए हैं वहां लोग दर्शन करते हैं वर्षा ऋतु में।