चित्तौडग़ढ़ से जोधपुर आना था अफीम का 234 किलो दूध

2020-07-25 1

चित्तौडग़ढ़ से जोधपुर आना था अफीम का 234 किलो दूध
- एनसीबी जोधपुर की देशभर में सबसे बड़ी कार्रवाई
- मकान से अफीम का 234 किलो दूध बरामदगी का मामला, मारवाड़ के कई तस्कर रडार पर
जोधपुर.
चित्तौडग़ढ़ जिले की बेगूं तहसील के सादी गांव में मकान से नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो जोधपुर की कार्रवाई में जब्त अफीम का 234 किलो दूध चित्तौडग़ढ़ में उत्पादित था। इसकी सप्लाई जोधपुर जिले में होनी थी। दो स्थानीय तस्कर को गिरफ्तार हो चुके हैं और अब मारवाड़ के चार-पांच बड़े तस्कर एनसीबी के रडार पर हैं। एनसीबी की कार्रवाई देशभर में सबसे बड़ी मानी जा रही है।

एनसीबी सूत्रों के अनुसार गत 19 जुलाई को चित्तौडग़ढ़ जिले के बेगूं उपखण्ड के सादी गांव के मकान में दबिश देकर अफीम का 233.976 किलो दूध बरामद किया गया था। मकान मालिक रामेश्वरलाल धाकड़ व भीलवाड़ा निवासी एमके धाकड़ को गिरफ्तार किया गया था। मौके से एक एसयूवी जब्त की गई थी। रिमाण्ड के बाद दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया गया था। कार्रवाई में एनसीबी के निदेशक विजेन्द्रसिंह, इंटेलीजेंस अधिकारी बाबूलाल सिरोही, बंशीलाल जाट, जूनियर इंटेलीजेंस कुमार व शिवनारायण बिश्नोई व अन्य अधिकारी शामिल थे। जब्त अफीम की लागत बाजार में साढ़े तीन करोड़ रुपए आंकी गई है।
जोधपुर के बड़े तस्कर ब्यूरो की जांच के दायरे में

एनसीबी की जांच में सामने आया कि जब्त अफीम का दूध चित्तौडग़ढ़ में उत्पादित था। इसे एसयूवी व अन्य वाहनों से जोधपुर जिले में अलग-अलग जगह सप्लाई किया जाना था। चार-पांच तस्कर इसमें शामिल होने का अंदेशा है। इनके बारे में जांच की जा रही है।
लाइसेंस की आड़ में अफीम की तस्करी
एनसीबी का कहना है कि राजस्थान के चित्तौडग़ढ़, झालावाड़, मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम व उत्तर प्रदेश में अफीम का उत्पादन होता है। सेन्ट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से अफीम की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर कम से कम 4.5 किलो अफीम का उत्पादन करने वालों को लाइसेंस दिए जाते हैं, लेकिन यह उत्पादक व तस्करों मिलकर अफीम की तस्करी कर रहे हैं।

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