मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले के थानां सीतामऊ क्षेत्र में एक तोते ने दो पक्षो के बीच विवाद करवा दिया। तोते से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा की मामला मारपीट और थाने तक पहुच गया। पुलिस के बीच-बचाव के बाद मामले में सुलह हो पाई। दरअसल मामला मन्दसौर के सीतामऊ थानां क्षेत्र का है जहां छोटी पतलासी गांव के चेतन का पालतू तोता पिंजरे से फरार हो गया। तोते के फरार होते ही चेतन ने उसकी तलाश शुरू की तो पता चला कि उसका तोता गांव के ही राजारामके घर मे है। फिर क्या था, चेतन अपने साथियों के साथ तोता वापस लेने पहुचा जहा राजराम ने देने से इंकार कर दिया। मामला तू-तू मैं-मैं और हाथापाई तक आ पहुचा। एक तोते के पीछे दोनो परिवार आमने सामने हो गए। राजराम का कहना था कि तोता उड़कर उनकी छत पर आया था जिसे उन्होंने पाला है। लेकिन तोता किसका है इसका सबूत किसी के पास नही था सो गांव के बड़े बुजुर्ग भी दोनो परिवारों के बीच सुलह नही करवा पाए। तोते की नादानी से शुरू हुआ विवाद थाने पहुच गया। जहा थानेदार साहब ने तोते को थाने में हाजिर होने का फरमान सुनाया। इसके बाद तोते को थाने में अपनी आमद देना पड़ी। तोताराम ने अपने पुराने मालिक को पहचान लिया। और तोता अपने असली मालिक के पास चला गया। चेतन को भले ही अपना प्यार तोता मिल गया हो लेकिन तोताराम की नादानी ने दो परिवारों के साथ पुलिस का भी सुख चैन छीन लिया। तोते की वजह से आमने सामने हुए दोनों परिवार दिभार थाने में डेरा डाले रहे। पुलिस ने भी दोनो पक्षो को दिनभर समझाने का प्रयास किया। आखिरकार शाम होने तक दोनों पक्षों में राजीनामा हुए तब कही जाकर तोते महाराज के विवाद में सुलह हो पाई।