िसानों का दिल्ली कूच कल
वर्तमान में स्वीकृत लक्ष्य 25 प्रतिशत के अनुरूप चने की पूरी खरीद किए जाने की मांग
चने के समर्थन मूल्य एवं बाजार भाव में लगभग एक हजार से 1200 रुपए प्रति क्विंटल का अन्तर
55,250 मेट्रिक टन खरीद के लिए किसान करेंगे दिल्ली कूच
निर्धारित 25 प्रतिशत के लक्ष्य से कम हुई है खरीद
600 से अधिक ट्रेक्टर दिल्ली के लिए होंगे रवाना
दूदू में जुटेंगे किसान, वहीं से होंगे रवाना
वर्तमान में स्वीकृत लक्ष्य 25 प्रतिशत के अनुरूप चने की पूरी खरीद किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश के किसान गुरुवार को दिल्ली कूच करेंगे। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि कल यानी गुरुवार को किसान ट्रेक्टर से दूदू में जुटने शुरू हो जाएंगे। जाट ने कहा कि चने के समर्थन मूल्य एवं बाजार भाव में लगभग एक हजार से 1200 रुपए प्रति क्विंटल का अन्तर चल रहा है। साथ ही कोविड.19 संक्रमण से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों के कारण समर्थन मूल्य पर चना विक्रय करने में किसानों का अधिक रूझान रहा है, लेकिन निर्धारित 25 प्रतिशत के लक्ष्य से कम खरीद होने के कारण किसान अपनी उपज बेचने से वंचित रह गए हैं। इससे उनमें रोष व्याप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार 473 ट्रेक्टरों में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, जिसे पुलिस ने महलां में रोक दिया था और पुलिस ने किसानों को आश्वस्त किया था कि उनकी चना खरीद की समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।
इसके संबंध में प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता कुंजी लाल मीणा, राजफेड की प्रबंध संचालक सुषमा अरोड़ा और अन्य अधिकारियों के साथ दो बार वार्ता भी हुई। वार्ता के बाद प्रमुख शासन सचिव ने कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के संयुक्त शासन सचिव जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र लिख कर चना खरीद की स्वीकृति दिए जाने की मांग भी की लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। ऐसे में अब किसानों के पास दोबारा आंदोलन किए जाने के अतिरिक्त कोई और मार्ग शेष नहीं रह गया है।
उन्होंने बताया कि गत दिनों महला में हुई किसान महापंचायत की बैठक में दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया गया था। इस बार 600 से अधिक ट्रेक्टरों में किसान दिल्ली कूच करेंगे।
उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया है कि वह अपने वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ की तीसरी पंक्ति में रखे और गिदानी से आगे तब तक नहीं चले जब तक निर्देश नहीं मिले। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए ट्रेक्टरों में पर्याप्त दूरी बनाए रखे। उनका कहना था कि पूरा आंदोलन सत्य, शांति और अहिंसा के आधार पर संचालित किया जाएगा।