डायरेक्टर का इको फ्रेंडली चैम्बर

2020-07-21 87


चैम्बर में न एसी की जरूरत, न लाइट की
पेश की ऊर्जा संरक्षण की अनूठी मिसाल
वन और पर्यावरण विभाग यानी वन्यजीवों के साथ पर्यावरण का संरक्षण करना है जिस विभाग का दायित्व। इस विभाग के एक अधिकारी ने पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण की एक अनूठी मिसाल पेश की है जो उन अधिकारियों के लिए उदाहरण है जो अपने ऑफिस में बिना एसी कूलर या लाइट की बैठने की कल्पना भी नहीं कर सकते। जी हां, वन विभाग के वन्यजीव और वानिकी प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक एनसी जैन और उनका कमरा इसका जीता जागता उदाहरण है।
प्रशिक्षण संस्थान में घुसते ही चारों ओर फैली हरियाली का आनंद लेते हुए जैसे ही आप उनके कमरे तक पहुंचते हैं आपकी निगाह जाती है कमरे के बाहर लगे बोर्ड पर जिस पर लिखा है डायरेक्टर का इको फ्रेंडली चैम्बर।
इस चैम्बर में गर्मी हो सर्दी न तो लाइट की जरूरत पड़ती है और न ही एसी और पंखे की, क्योंकि यह अपने नाम के मुताबिक ही इकोफ्रेंडली तरीके से बना हुआ है। और इसे बनवाने का श्रेय जाता है संस्थान के निदेशक पीसीसीएफ डॉ. एनसी जैन को। जिन्होंने इस साधारण कमरे को रिनोवेट करवा कर इकोफ्रेंडली चैम्बर में तब्दील कर दिया।
एयर फ्लो और सोलर डायरेक्शन का ध्यान रखना जरूरी
आर्कीटेक्टचर में गहरी रुचि रखने वाले डॉ.एनसी जैन का कहना है कि इस कमरे को रिनोवेट करवाते समय उन्होंने दो विशेष बातों का ध्यान रखा। एयर फ्लो और सोलर डायरेक्शन। यानी सूरज उगने के बाद किस तरह से सूर्यास्त होता है जिससे धूप और रोशनी कमरे में प्र्याप्त मात्रा में आ सके। साथ ही एयर फ्लो का भी ध्यान दिया गया और इसी के आधार पर कमरे में खिड़कियों का निर्माण करवाया। जिससे हवा को क्रॉस वेंटिलेशन मिल सके। गौरतलब है कि हवा दक्षिण पश्चिम दिशा में चलती है। कमरे में गरम हवा ऊपर की ओर बहती है जबकि ठंडी हवा नीचे। गर्म हवा को बाहर निकालने के लिए कमरे के मुख्यद्वार पर एग्जोस्ट फैन लगवाए।

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