लखनऊ। कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मुठभेड़ को लेकर सवाल भी खड़े हुए, बाद में एसटीएफ ने एक बयान जारी किया। वहीं, अब एनकाउंटर की जांच करने फॉरेंसिक टीम उस स्थान पर पहुंची जहां पर विकास दुबे को मार गिराया गया था। फॉरेंसिक टीम ने जिस जगह पर एसटीएफ की गाड़ी पलटी थी उस सीन को रिक्रिएट किया। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे कैसे पुलिस की पिस्टल छीनकर खेत की ओर भागा और फिर पुलिस पर फायरिंग की। बाद में किस तरह एसटीएफ ने विकास को एनकाउंटर में ढेर किया, इस सीन को वहां पर रीक्रिएट किया गया। इसके बाद फॉरेंसिक टीम सीधे आगे बढ़ती है और उस स्थान पर पहुंचती है जहां एसटीएफ ने विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा को मार गिराया था। टीम ठीक उसी तरह पूरे सीन को रिक्रिएट किया, जैसे विकास दुबे एनकाउंटर में किया था। एफएसएल की टीम ने अपने इस रिक्रिएशन में एसटीएफ के उन्हीं जवानों को शामिल किया था जो विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर आ रहे थे। बता दें कि बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात को गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई कानपुर पुलिस की टीम पर हमला हो गया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। घटना के करीब एक हफ्ते बाद उसे उज्जैन से पकड़ा गया। यूपी एसटीएफ उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी। कानपुर लाते वक्त एसटीएफ की टीम ने विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया।