ाराणसी. बनारस की बात हो और पान का जिक्र न आए ऐसा हो नहीं सकता। कोरोना काल पान के शौकीन सब कुछ छोड़ सकते हैं लेकिन बनारसी पान का जायका नहीं। इसलिए कुछ दुकानदारों ने तो कोविड़-19 के संक्रमण से बचने का तरीका भी ढूंढ़ निकाला है।बनारसी पान के तलबगारों के लिए दुकानदार तो बाकायदा पीपीई सूट पहनकर पान बेचते हैं। अपनी ड्रेस के लिए वह इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। अपनी दुकानदारी के साथ वह न केवल खुद कोरोना से बचाव कर रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को भी संक्रमण के प्रति जागरूकता का संदेश दे रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन में भी कारोबार के लिए प्रशासन ने छूट दी कि कारोबारी खुद अपनी और ग्राहकों की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। लंका इलाके में स्वास्तिक पान भंडार चलाने वाले बनारसी पान विक्रेता विकास चौरसिया सरकार की अपील को गंभीरता से लेते हुए खुद के साथ-साथ अपने ग्राहकों को सुरक्षित रखने के लिए पीपीई सूट पहनकर पान बेचते हैं। हाथों में ग्लब्ज पहनकर वह पान लगाते हैं। ग्राहकों से पैसे भी सेनेटाईज करके ही लेते हैं। ज़रूरत पडऩे पर ग्राहकों को पान के साथ मास्क भी दे देते हैं। खुद तो पीपीई किट में हमेशा रहते ही हैं।
कोरोना संक्रमण के प्रति उनकी यह जागरूकता सोशल मीडिया में इन दिनों वायरल हो रही है। पान के शौकीन भी दुकान को सुरक्षित मानकर उनकी दुकान पर पान खाने आ रहे हैं। इसलिए उनकी ग्राहकी भी बढ़ गयी है। जिस पीपीई सूट को पहनकर काम करने में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बेहाल हो जाते हैं। उसे दिन भर पहने हुए काम करना कितना मुश्किल है? इस सवाल के जवाब में विकास कहते हैं कि पीपीई किट पहनने के बाद इतनी गर्मी लगती है कि बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब आदत पड़ गयी है। इसे अपनी सुरक्षा और ग्राहकों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए पहनना पड़ता है। दुकान पर रोज़ाना सैकड़ों पान के शौकीन आते हैं। अब उनमें से कौन संक्रमित है और कौन नहीं, यह तो पता नहीं रहता। इसलिए मजबूरी में ही सही इसे पहनना पड़ता है।
बढ़ गए हैं ग्राहक