एनटीपीसी मैनेजर एक लाख रिश्वत लेते सीबीआइ गिरफ्त में
- भड़ला सोलर प्लांट की प्लेटें सफाई का भुगतान करने की एवज में मांगे थे साढ़े तीन लाख रुपए
- देर रात तक चलती रही सीबीआइ कार्रवाई
जोधपुर.
सीबीआइ ने फलोदी स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपॉरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) के मैनेजर को सोलर प्लांट की प्लेटों की सफाई का भुगतान करने की एवज में एक लाख रुपए रिश्वत लेते बुधवार रात गिरफ्तार किया। देर रात तक कार्रवाई चल रही थी।
सीबीआइ सूत्रों के अनुसार जिले भड़ला गांव में सोलर एनर्जी का प्लांट है। जो एनटीपीसी के अधीन है। टाटा कम्पनी के पास प्लांट के रख-रखाव के साथ ही सोलर प्लेटों की सफाई का जिम्मा है। टाटा ने सोलर प्लांट की साफ-सफाई करने का ठेका जोधपुर की मैसर्स जय विजय एंटरप्राइजेज को देखा है। इस कम्पनी को साफ-सफाई का भुगतान करने की एवज में मैनेजर ओमप्रकाश मीणा ने कम्पनी के संचालक से साढ़े तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी। बीजेएस निवासी कम्पनी के संचालक भोमसिंह ने सीबीआइ में लिखित शिकायत की। गोपनीय सत्यापन करवाए जाने पर रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई।
मैनेजर ने रिश्वत राशि की पहली किस्त के एक लाख रुपए लेने के लिए कम्पनी के संचालक को फलोदी में एनटीपीसी कार्यालय बुलाया। संचालक भोमसिंह कार्यालय पहुंचा, जहां उसने मैनेजर ओमप्रकाश मीणा को एक लाख रुपए बतौर रिश्वत सौंप दिए। इशारा मिलते ही सीबीआइ ने कार्यालय में दबिश दी और एनटीपीसी मैनेजर ओमप्रकाश मीणा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से रिश्वत राशि बरामद भी कर ली गई। सीबीआइ टीम देर रात तक कार्रवाई में जुटी हुई थी। आरोपी मैनेजर जयपुर क्षेत्र का रहने वाला बताया जाता है।
भुगतान में अड़ेंगे डाल मांगी थी रिश्वत
मैसर्स जय विजय एंटरप्राइजेज ने वर्ष 2017 में भड़ला सोलर प्लांट की प्लेटों की साफ-सफाई का काम लिया था। तब से उसे समय-समय पर भुगतान होता रहा। पिछले कुछ समय से मैनेजर ओमप्रकाश ने साफ-सफाई में कमियां निकालनी शुरू कर दी। साथ ही भुगतान भी रोक दिया। इस संबंध में संचालक ने बात की तो मैनेजर ने समय पर भुगतान प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने की मांग रखी थी।