सालभर आंखों से आंसू नहीं टूटे, इंतजार में आंखें पथरा गई। गांव वाले कहते थे - मरा मान ले। अब जिंदगी में कभी वापस नहीं आएगा लेकिन मां हमेशा कहती थी एक दिन मुन्ना वापस जरूर लौटेगा। जी हां ये दास्तां है शहडोल के गोहपारू के सोन टोला की उस मां की जो पूरे साल तक टकटकी लगाये अपने बेटे का इंतजार करती रही। सुबह से लेकर रात तक इंतजार करती थी। हर रोज बस स्टैण्ड इस उम्मीद में जाती थी कि मुन्ना वापस आ जाएगा।