मदरसा आधुनिकरण योजना का लाभ वंचितों को नहीं

2020-07-08 2,918

jaipur राज्य सरकार की मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत 7 करोड़ रुपए का खर्च कर मदरसों को बजट का बंटवारा हो रहा है। पहले से साधन सम्पन्न मदरसों को योजना के तहत 25 लाख रुपए प्रति मदरसा दिए जा रहे हैं और कच्ची बस्तियों या कच्चे भवनों में चल रहे मदरसों को कुछ नहीं मिला। दो दिन पहले ही सरकार ने इस योजना के तहत आए प्रस्तावों में से 43 मदरसों की लिस्ट जारी की है, जिन्हें इस योजना के तहत लाभ मिलने जा रहा है। वहीं दूसरी ओर वक्फ के भवनों में चल रहे मदरसों के हाल खराब हैं।
मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछले साल बजट में 10 करोड़ रुपए की योजना का प्रस्ताव रखा था। इसी साल फरवरी में मदरसों से आवेदन मांगे गए थे। इस योजना के तहत नियम है कि मदरसे के नाम से भूमि का पट्टा अनिवार्य है। जबकि राज्य के अधिकतर मदरसे मस्जिदों, वक्फ की सम्पत्ति या फिर किराए के भवनों में चल रहे हैं। कच्ची बस्तियों में चलने वाले मदरसे तो झुग्गियों तक में चल रहे हैं। पट्टा होने के नियम के चलते इन मदरसों को इस योजना में शामिल नहीं किया जा सका। हालांकि इन सभी मदरसों ने अपने प्रस्ताव सरकार को भेजे थे। इन्हें योजना का लाभ नहीं मिलने से गरीब बस्तियों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पर असर हो रहा है। वे इन जर्जर भवनों में ही पढ़ने को मजबूर हैं। ​

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