कोरोना काल में सावन का पहला दिन: कहीं भारी न पड़ जाए ये आस्था

2020-07-06 34

उत्तर प्रदेश के अमेठी में सोमवार को सावन माह के शुरुआत के पहले ही दिन धार्मिक अनुष्ठान पर कोरोना काल में सरकार की एडवाइजरी की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। यहां मुसाफिरखाना के प्राचीन मंदिर दंडेश्वर धाम पर आए दर्शनार्थियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को तार-तार किया वही, अधिकतर लोग बग़ैर मास्क के ही दर्शन करने पहुंच गए। रही सही कसर मंदिर पर बैठे पुजारी ने पूरी कर दी, लोगों का हुजूम लगाकर पुजारी ने सभी को चंदन लगाया। दरअस्ल, सोमवार 6 जुलाई से सावन की शुरुआत हुई है। सावन का पहला दिन होने के चलते भगवान भोलेनाथ के भक्त अपनी मनोकामना लेकर बड़ी संख्या में मंदिरों में मत्थे टेकने के लिए निकले। इस बीच यहां जिले के मुसाफिरखाना ब्लाक अन्तर्गत कोक्षित गांव मे प्राचीन मंदिर दंडेश्वर धाम पर भी शिव के भक्तों की भारी भीड़ जमा हुई। लेकिन मंदिर पर आए लोगों ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को नजर अंदाज करते हुए बगैर मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए सरकार की गाइड लाइन के नियमों की धज्जियां उड़ा डाली। यही नही सरकार द्वारा मनाही के बावजूद मंदिर के घंटे बजाए गए। और तो और बिना डर और भय के लोग मंदिर की रेलिंग छूते रहे और जाते रहे। लोगों की माने तो मंदिर प्रशासन की ओर से यहां सेनेटाइजर तक की व्यवस्था नही कराई गई थी। इसके अलावा मंदिर के पुजारी ड़ी हैरान करने वाली बात तो यह दिखी कि मंदिर के पुजारी भोलेनाथ के भक्तों के माथे पर तिलक व चंदन लगाते दिखाई दिए। ऐसे में कोरोना महामारी बढ़ने का खतरा और बढ जाता है। मंदिर के प्रबंधन तंत्र व शासन- प्रशासन की तरफ से भी किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

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