आज वल्र्ड यूएफओ डे है। यानी अनआईडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट डे। ऐसी अदृश्य चीज जिसे हम कौतुहल वश आसमान में देखते तो हैं लेकिन, दावे के साथ नहीं कह सकते कि देखी गयी चीज सच थी। ऐसी ही एक घटना 21 जुलाई 2014 को लखनऊ के आसमान में भी घटित हुई। जिसे उडऩ तस्तरी कहा गया। लखनऊ में दिखी इस उडऩ तस्तरी को तब खगोलविदों ने प्रथमदृष्टया यूएफओ ही माना था। लेकिन 6 साल बीत गए। आज तक सरकारी तौर पर इसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई। आखिर यह रहस्यमयी चीज क्या थी। इसी तरह का एक मामला कानपुर में भी देखने को आया था। यहां भी उडऩतश्तरी जैसी वस्तु देखे जाने की घटना का जिक्र स्थानीय नागरिकों ने किया था। यूएफओ यानी उडऩे वाली वह वस्तु जिसकी पहचान न हो सके। पश्चिमी देशों में इसे दूसरे ग्रह से आई उडऩतश्तरी कहते हैं। दशकों से वैज्ञानिकों के बीच यह बहस का विषय है जिसमें कुछ पक्ष में हैं तो कुछ खारिज करते हैं।