वैसे तो मलिहाबागद का आम सबसे मशहूर है, लेकिन अगर आमों की वैराइटी का असल लुत्फ उठाना है तो आपको बाराबंकी आना होगा। यहां डाल की दशहरी और पाल का चौसा हरदिल अजीज है। बाराबंकी में गौरजीत, बांबेग्रीन, दशहरी, लंगड़ा, चौसा और लखनऊ सफेदा, सुरखा, हुस्नहारा, कपूरी, गुलाब खास, आम्रपाली, याकूती जैसी कई और भी प्रजातियां उगाई जाती हैं।
बाराबंकी का दशहरी आम बहुत ही स्वादिष्ट होता है। खास बात यह है कि यहां पैदा होने वाला दशहरी आम ज्यादा टिकाऊ होता है, इसलिए व्यापारी यहां के आम को ज्यादा तरजीह देते हैं। वहीं बनारसी लंगड़ा आम बाराबंकी में जब से पैदा हुआ तो यहां अव्वल हो गया। यह भी जून और जुलाई में डाल से गिरने लगता है। बाराबंकी में गुलाब खास, सुरखा आम चूसने का अलग ही जायका है। जिले में इस बार आम की अच्छी पैदावार हुई है। आम का उत्पादन तकरीबन डेढ़ लाख मीट्रिक टन हुआ है। जिले से ही गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, गोरखपुर जैसे मंडियों में आम बेचा जाता है।
बाराबंकी जिले की अगर बात करें तो यहां लगभग साढ़े 16 हजार हेक्टेअर एरिया में आम की खेती होती है। यहां जुलाई तक आम रहता है। यहां आम की किस्मों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा, फजली, बंबई ग्रीन, बंबई, अलफांजो, बैंगन पल्ली, हिम सागर, केशर, किशन भोग, मलगोवा, नीलम, सुर्वन रेखा, वनराज, जरदालू हैं। नई किस्मों में मल्लिका, आम्रपाली, रत्ना, अर्का अरुण, अर्मा पुनीत, अर्का अनमोल तथा दशहरी की 51 प्रमुख प्रजातियां हैं। जिले में गौरजीत, बांबेग्रीन, दशहरी, लंगड़ा, चौसा और लखनऊ सफेदा, सुरखा, हुस्नहारा, कपूरी, गुलाब खास, आम्रपाली, याकूती जैसी कई और भी प्रजातियां उगाई जाती हैं।