उज्जैन। कोरोना वायरस के चलते खड़ी हुई बसों के चलते बस मालिक हो रहे है परेशान। परिवार के लालन-पालन की चिंता बढ़ी, करना पड़ रहा है मुसीबतों का सामना 23 मार्च से लगे लॉकडाउन के चलते थमे बसों के पहये अभी भी यथावत स्थिति में रुके हुवे है। जिस के चलते अब बस व्यपारी ओर बसों में काम करने वाले स्टाफ के सामने रोजी रोटी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। उसी के चलते बस मालिको के कहना है कि सरकार द्वारा आदेश के चलते पचास प्रतिशत में गाड़ी संचालन करने उन का रोजाना खर्च निकाल पाना भी मुश्किल है और पिछले आठ या दस दिन से डीजल के दामो में व्रद्धि से उनको काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही लोकडॉउन से ले के अभी तक का टेक्स सरकार से माफ कियेजाने की मांग को भी सरकार गंभीरता से नही ले रही है। इसी के चलते सभी बस व्यपारी की मांग है कि उनका 3 माह का टेक्स एवं पचास प्रतिशत में बस संचालित करने में सक्षम नही है इसी के चलते आगामी तीस तारीख तक आने वाले आदेश के बाद ही बस व्यपारी कोई निर्णय ले पाएंगे।