मनरेगा ने कोकावली गांव की किस्मत ही बदल डाली। चकबंदी के 25 साल बाद गांव को संपर्क मार्ग मिला है। जिसके चलते गांव वालों की किस्मत ही जाग गई है। चकबंदी के 25 साल बाद भी सरकारों की अनदेखी से जूझ रहे विकासखंड जसवंतनगर के गांव पंचायत कोकावली की महिमा ग्राम प्रधान सीमा देवी पति भारत सिंह के मजबूत इरादों ने गांव की तस्वीर बदल दी है। जसवंतनगर ब्लॉक के 2500 की आबादी वाले इस गांव कोकावली के लोग संपर्क मार्ग बनाने के लियें स्थानीय प्रशासन से लेकर स्थानीय नेताओ के चक्कर काट चुके हैं। गांव का 2 किलोमीटर कच्चा और दलदली रास्ता बारिश के दिनों में जी का जंजाल बन जाता है। ग्राम निधि में इतनी धनराशि नही होने के कारण मार्ग एक बार मे बन पाना मुश्किल था। लेकिन सीडीओ राजा गणपति आर के आदेशानुसार पंचायत प्रधान व ग्राम सचिव राम कुमार गुप्ता ने गांव की किस्मत ही बदल डाली। मनरेगा के तहत लॉक डाउन से ग्रस्त प्रवासी मजबूरी में मजदूरी करने लोगों सहित अन्य मजदूरों को जुटाकर गांव का कच्चा और बदहाल रास्ता अब चकाचक हो चुका है। प्रवासी मजदूरों को भी रोजी-रोटी मिली तो फिलहाल गांव में जश्न का माहौल है और ग्रामीण मनरेगा के गुणगान कर रहे हैं। अभिलाख सिंह प्रवासी मजदूर बोला मजबूरी में की मजदूरी, फरीदाबाद में रहकर माह में करीब 20 हजार रुपये पैदा करते थे। लॉक डाउन की मुसीबतें गांव वापस ले आई। पापी पेट की खातिर मजबूरी में मजदूरी कर रहे हैं। लेकिन अपनो के बीच सब अच्छा है। चकबंदी के करीब 25 साल बाद गांव को संपर्क मार्ग मिला है। गांव में खुशी का माहौल है और लोगों को दलदल भरे रास्ते से निजात मिल गई है।