कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ने के बीच स्कूलों (Schools) को खोलने को लेकर भी बहस दिनों-दिन तेज होती जा रही है। एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 15 अगस्त के बाद स्कूल और शैक्षणिक संस्थान खोले जाने की बात कही है।
वेबदुनिया (Webdunia) से बातचीत में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुषमा रावत (Doctor Sushma Rawat) कहती है कि जब तक कोई भी शहर ग्रीन जोन (Green Zone) घोषित न हो जाए, वहां शैक्षणिक गतिविधियां शुरू नहीं होनी चाहिए। भले ही बच्चों में बीमारी (disease) का खतरा कम है, मगर बच्चे स्कूल से बीमारी घर ला सकते हैं और घर के बुजुर्ग कोरोनावायरस का शिकार हो सकते हैं।
कोरोना काल में घर में बच्चों के कैद रहने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। मानसिक चिकित्सालय इंदौर के अधीक्षक डॉ. रामगुलाम राजदान कहते हैं कि निश्चित ही कोरोना काल में बच्चों में कई तरह की समस्याएं सामने आई हैं।