लद्दाख सीमा पर पीछे हटी चीनी सेना 6 जून को होगी बातचीत

2020-06-04 29

लद्दाख में चीन—भारत सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है। कहा जा रहा था कि गलवान घाटी के भीतर तक चीन की सेना आ चुकी है। अब खबर है कि ​तय सीमा से चीन की सेना दो किलोमीटर दूर हट गई हैं। वहीं भारतीय सेना भी जवाब को यहां तैयार है। फिलहाल एक किलोमीटर की दूरी से भारतीय सेना इस सीमा पर नजर बनाए हुए है। जिस सीमा पर चीन और भारत में कभी विवाद ही नहीं रहा, उसे लेकर चीन के रवैये पर कई देशों ने चीन की गलत नीयत पर चिंता जाहिर की है। अब बताया जा रहा है कि दोनों देशों की ओर से बातचीत से रास्ता निकालने की एक कोशिश की जा रही है।
इस सीमा विवाद को लेकर 6 जून को भारत-चीन के बीच एक अहम बैठक हो सकती है। दोनों देशों की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच यह बातचीत होगी। हालांकि बात राजनयिक स्तर पर पहले होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल के लेवल पर कोई मीटिंग होगी।
इसके पहले मंगलवार को मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। छह जून को होने वाली बैठक में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए बातचीत होगी। दोनों देश कूटनीतिक स्तर पर भी मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद इस बातचीत से मसला सुलझता नजर नहीं आ रहा। क्योंकि सीमा पर चीनी सैनिकों का जो आक्रामक रवैया है, उसे देखते हुए दूसरे संकेत ही मिल रहे हैं। यहां पर चीन हर दिन सैनिकों की संख्या बढ़ाता जा रहा है। बंकर तो बन चुके हैं, साथ ही हथियारों की खेप भी यहां पर बढ़ाई जा रही है।
बता दें कि ठीक एक महीने पहले 5 और 6 मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। यहां पर विवाद तीन जगहों- गलवान घाटी , फिंगर फोर और हॉट स्प्रिंग एरिया को लेकर है। पैंगोंग इलाके में दोनों ओर से तनाव जारी है। इस बारे में
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी माना कि इस सीमा पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं, उसी मुकाबले में भारतीय सेना भी वहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख में लड़ाकू विमान सुखोई और तेजस मिराज उड़ान भर रहे हैं। इस इलाके में चीन के आपत्ति के बावजूद सड़क और पुल बनाने का काम और तेज किया गया है।
वहीं हिंद महासागर में तैनात तेजस से वायु सेना भी लगातार इस सीमा पर बढ़ती चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। चीन को इस सीमा पर जवाब देने के लिए थल और वायुसेना दोनों तैयार हैं।

Videos similaires