पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण
लक्ष्मीनाथ श्रमदान सेवा समिति बनी 'पर्यावरण मित्रÓ
कोरोना काल में जहां एक ओर लंबे समय तक लोग अपने घरों में बंद रहने पर मजबूर हुए, वहीं दूसरी ओर एेसे समय में भी बस्सी कस्बे की सामाजिक संस्था लक्ष्मीनाथ श्रमदान सेवा समिति पर्यावरण संरक्षण के लिए अनुकरणीय कार्य करने में जुटी रही। आपको बता दें कि समिति के युवा सदस्यों की ओर से पिछले तीन साल से कस्बे के विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण कर उनका संरक्षण कररही है। समिति ने तीन साल पहले लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में पेड़ लगाकर इस पुण्य कार्य की शुरुआत की थी इसके बाद धीरे धीरे यह कारवां बढ़ता गया और आज लक्ष्मीनाथ श्रमदान सेवा समिति का नाम पर्यावरण मित्र और पर्यावरण प्रहरी के रूप में सभी के बीच अपनी पहचान कायम कर चुका है।
समिति के युवा जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठा रखा है, वह उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो मोबाइल में व्यस्त रहते हैं या नशाखोरी करते हैं।
सामाजिक कार्यों में लेते हैं हिस्सा
पर्यावरण संरक्षण के अलावा समय.समय पर समिति के युवा अन्य सामाजिक कार्य में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, समिति में ने तो कोई अध्यक्ष है ना कोई उपाध्यक्ष है इसमें कोई पद नहीं है सभी सिर्फ कार्यकर्ता हैं। अपने सामाजिक कार्यों का समिति के सदस्य ज्यादा प्रचार.प्रसार भी नहीं करते हैं। आपको बता दें कि समिति में करीब 35 से 40 सदस्य हैं जिन्होंने पेड़ लगाने से लेकर उसकी लगातार देखभाल और सेवा करने का संकल्प ले रखा है। इसी के फलस्वरूप आज कस्बे के मोक्ष धाम, थाना परिसर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में हरे भरे पेड़ अपनी छाया से लोगों को सुकून दे रहे हैं। समिति की ओर से विद्यालय परिसर में 150 पौधे, थाना परिसर में 50 पौधे एवं मोक्ष धाम में करीब 200 पौधे, चामुंडा माता मंदिर के पास नवग्रह वाटिका में 100 पौधे लगाए हैं। जिनको समिति के सदस्य पिछले 3 वर्षों से हमेशा पानी पिला रहे हैं और उनकी रोज देखभाल कर रहे हैं। कई लोग सिर्फ पेड़ लगाकर इतिश्री कर देते हैं लेकिन समिति के सदस्यों द्वारा पेड़ लगाने के साथ.साथ उसकी लगातार देखभाल करने का संकल्प भी लिया जाता है।
आमजन की परेशानी का ध्यान
जहां हम मोक्षधाम और अन्य स्थानों के रखरखाव के लिए सरकार पर निर्भर रहते हैं वहं यहां समिति के सदस्य मोक्षधाम का भी भी जीर्णोद्धार कर चुके हैं। समिति के सदस्यों ने मोक्षधाम के समीप चामुंडा माता मंदिर के आसपास नवग्रह वाटिका भी बनाई गई है, जिसमें विभिन्न तरह के फलदार एव पूजा में काम आने वाले पौधे लगाए गए हैं। मोक्षधाम जाने वाले रास्ते को भी समिति के युवाओं ने मिट्टी का भराव डालकर समतल एवं चौड़ा किया है, जिससे बारिश के समय में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
लॉकडाउन में भी दी सेवा
आपको बता दें कि समिति के सदस्य लॉकडाउन के दौरान भी सेवा कार्य से पीछे नहीं रहे। जहां लॉकडाउन के दौरान लोग अपने अपने घरों में थे वहीं दूसरी ओर समिति के सदस्य प्रतिदिन भोजन बनाकर गरीबों को भोजन वितरित के काम में लगे रहे थे। उन्होंने जरूरतमंदों को राशन किट का भी वितरण किया। समिति के सदस्यों का कहना है कि यदि हम सभी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर मानव मात्र की सेवा करें तो कोई भी व्यक्ति भूख से नहीं मरेगा। वहीं पर्यावरण संरक्षण को लेकर इनका कहना है कि पर्यावरण संरक्षण से ही हम अपनी और अपनी आने वाली पीढि़यों की सुरक्षा कर सकते हैं। ब्यूर