कोरोना संकट के बीच टिड्डी दल के रूप में एक और नई मुसीबत राजस्थान के लोगों पर टूट पड़ी है. राज्य के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों ने फसलों को पूरी तरह चौपट कर के रख दिया है. बीकानेर हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर करौली आदि जिलों से होते हुए टिड्डी दल राजधानी जयपुर भी आ पहुंचा. श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में नरमा कपास की फसल बर्बाद हो गई है. कृषि विभाग द्वारा टिड्डियों की रोकथाम के लिए रासायनिक छिड़काव किया जा रहा है लेकिन टिड्डियों की ज्यादा तादाद होने के कारण उन्हें काबू में करना मुश्किल हो रहा है. किसान अपने स्तर पर भी थालियां, पीपे बजाकर और पटाखे फोड़ कर टिड्डियों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों को लगातार अपने खेत पर फसलों की रखवाली में खड़ा रहना पड़ रहा है क्योंकि किसानों को पता है कि अगर क्योंकि उनको पता है कि अगर पीपे नहीं बजाएंगे तो फसल बर्बाद हो जाएगी और आमदनी के अभाव में उनकी रसोई में राशन के डिब्बे भी खाली रहकर बजेंगे. इस मसले पर देखिए सुधाकर सोनी का कार्टूनी दृष्टिकोण