उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के कोतवाली इलाके में एक पटाखा फैक्ट्री पकड़े जाने के वक्त उसे सील करने पहुंचे नायाब तहसीलदार को कोतवाल के डीएम कह देने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है । असल मे इटावा में पकड़ी गई पटाखा फैक्ट्री को सीज करने आये मजिस्ट्रेट लेवल के अधिकारी नायाब तहसीलदार अवनीश कुमार की बेइज्जती इटावा थाना कोतवाली प्रभारी रमेश सिंह ने उनको डीएम बोल कर दी । यह सब वाक्या मीडिया के कैमरे में बाकायदा कैद भी हो गया । इटावा में थाना कोतवाली के अंर्तगत पटाखा फैक्टरी पकड़ी गई । जिसमें भारी मात्रा में बारूद समेत नाबालिक बच्चे मजदूरी करते पकड़े गए । मोके पर थाना प्रभारी रमेश सिंह मोके पर पुलिस बल लेकर पहुँचे । अब उनके सामने दुविधा आयी कि फैक्टरी को सीज कैसे किया जाए । जिसकी सूचना उच्च अधिकारियो को दी तो इटावा सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर इटावा के नायाब तहसीलदार अवनीश कुमार, जो कि नुमाइश पंडाल में मजदूरों को घर भेजने की व्यवस्था में लगे हुए थे । वह अपना काम छोड़ कर आये लेकिन उनके आते ही थाना प्रभारी रमेश सिंह ने उनके साथ कर दी अभद्रता और उन्हें ही समझाने लगे नियम और कानून। थाना प्रभारी रमेश सिंह ने एक मजिस्ट्रेट लेवल के अधिकारी नायाब तहसीलदार अवनीश कुमार से कहा कि आपकी टीम कहा है । आपके काम करने का तरीका सही नही है आप कोई डीएम नही हो जिसके नायाब तहसीलदार के पद और सम्मान को ठेस पहुँची और विन्रमता के साथ ही दुकान बिना सीज किये लौट गए और कहा अब टीम के साथ ही आएंगे। इटावा थाना कोतवाल के इस व्यवहार से मजिस्ट्रेट लेवल के अधिकारियों के साथ ऐसी अभद्रता कहा तक ठीक है ।