सदियों पुराने ज्ञान और बौद्धिक सम्पदा के बावजूद हम उसका वाणिज्यिक लाभ लेने में पीछे रह जाते हैं। इसका कारण है, पेटेंट की प्रक्रिया से अनभिज्ञता। इसी फायदा विकसित देश उठा ले जाते हैं, लेकिन अब राजस्थान में इसकी जानकारी देने वाले बौद्धिक सम्पदा फेैसिलिटेशन केन्द्र की शुरुआत हो चुकी है।
शासन सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मुग्धा सिन्हा ने कहा कि विभाग के अन्तर्गत उद्योगों को पेटेंट, डिजाइन, टे्रडमार्क आदि बौद्धिक सम्पदा अधिकार दाखिल करने के लिए बौद्धिक सम्पदा फैसिलिटेशन केन्द्र प्रारंभ कर दिया गया है। यह केन्द्र उद्यमियों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा।