अमेठी जिले में ईंट भट्टे से काम कर वापस आ रहे दलित युवक को दबंगो ने लाठी-डंडे और भाले से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया। वही पति की मौत के बाद पत्नी आधा दर्जन बच्चों के साथ बूढ़े सास-ससुर को लेकर लाश के पास अनशन पर बैठ गई। जिससे जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम भट्ठे से काम करके घर आ रहे जायस थाना क्षेत्र के उड़वा ग्राम पंचायत के पूरे सुक्खा निवासी परमानंद पुत्र बाबादीन (35) पर गांव के दबंगों ने लाठी डंडे और भाले से हमला कर दिया था। शनिवार शाम रायबरेली में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आज जब पोस्टमार्टम के बाद दोपहर बाद मृतक का शव घर पर पहुंचा तो पत्नी संगीता देवी 6 बच्चों और सास ससुर के साथ लाश को लेकर अनशन पर बैठ गई। मृतक की पत्नी संगीता के साथ बबली 14, विनोद 12, प्रमोद 10, धर्मेश 6, सत्यम 4, सर्वेश 2 वर्ष अनशन में बैठे हैं। वही परिजनों के साथ आसपास के लगभग दो-तीन गांव की हजारों लोग भी प्रशासन से दबंगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि भरण-पोषण हेतु पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा दिए जाए। परिजनों का कहना कि जब तक प्रशासन द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती हम अंतिम संस्कार नही करेंगे। मौके पर एसडीएम तिलोई और सीओ तिलोई तथा एसओ सहित लगभग 3 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी मौजूद हैं। जो निरंतर परिवार की मान मनौवल में लगे हैं।