लॉकडाउन में प्रवासियों का पलायन जारी हैं। हर रोज बेबसी की नई तस्वीर सामने आ रही हैं तो मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख देती हैं। मजदूर बेसहारा होकर बस अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। लेकिन इनका साहस भी कुछ कम नहीं हैं। तस्वीरों में दिख रहे शख्स का नाम राजकुमार है जो लुधियाना में परिवार के साथ रहते थे, लॉकडाउन के कारण मजदूरी छूट गई। बेबस होकर मध्यप्रदेश के सिंगरौली के पास गांव में अपने घर जाना ही उचित समझा। 15 साल के बीमार बेटे के साथ सफर करना काफी मुश्किल थी। लेकिन पिता के साहस के आगे मुश्किल ने भी घुटने टेक दिए। दरअसल बेटा गर्दन में चोट के कारण चल नहीं सकता था तो राजकुमार ने तय किया कि बेटे को चारपाई पर लिटाकर गांव तक ले जाएंगे। उन्होंने चारपाई के चारों कोनों पर रस्सी बांधी और उसे एक बांस के जोड़ दिया। जिससे कि दो कंधों के सहारे चारपाई को उठाया जा सके। राजकुमार के इस साहस को देखर के उनके ही गांव के रहने वाले अन्य लोग भी वापस लौटने के लिए तैयार हो गए। राजकुमार के परिवार समेत कुल 18 लोग पैदल ही निकल पड़े। वो लोग बारी-बारी के चारपाई उठा कर सफर करते रहे। हिम्मत देखिए कि परिवार ने लुधियाना से कानपुर तक 800 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया। कानपुर पहुंचे तो इनका दर्द देखकर पुलिसवालों का कलेजा पसीज गया। और फिर मजदूर को प्राइवेट वाहन से घर भेजा गया।