सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल कर दिया जाता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता रहता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
सोशल मीडिया पर दो साल पुराने अखबार की एक रिपोर्ट से ली गई एक क्लिपिंग वायरल हो रही है, जिसमें बृहन्मुम्बई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने मुंबई के लोगों से यह अपील की थी कि वह सात दिनों तक गर्म पानी का सेवन करें। फिलहाल इसे गलत दावे के साथ अब शेयर किया जा रहा है कि यह हाल ही में दी गई सूचना है। नगर पालिका ने उस वक्त यह अपील पानी के दूषित होने के आसार के वजह से की थी। इस क्लिपिंग को अब कोरोना वायरस के उपाय के तौर पर शेयर किया जा रहा है, जो वायरल हो रहे अन्य फर्जी दावे - जैसे गरम पानी पीना कोरोना वायरस से बचाता है आदि की ही श्रेणी में आता है। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। इस पोस्ट की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई।
यह हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर इस अखबार की कटिंग के साथ लिखित कैप्शन का हिंदी अनुवाद इस तरह है " बीएमसी की अपील : अगले सात दिनों तक गरम पानी का सेवन करें"। यह वायरल क्लिप फेसबुक के साथ हमें ट्विटर पर भी वायरल मिली।