जनपद शामली में हरियाणा के करनाल से पैदल ही चलकर 50 प्रवासी मजदूर बिना जांच के शामली पहुंच गए। 50 मजदूरों को देखकर स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया। वही आनन-फानन में कस्बे के समाजसेवियों ने 50 मजदूरों के खाने-पीने का बंदोबस्त किया। वही मजदूर मौसम खराब होने के कारण फुटपाथ पर ही सो गए। प्रवासी मजदूरों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी कोई भी सुध नहीं ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दावे केवल कागजी साबित हो रहे हैं। पूरे देश में कोरोनावायरस महामारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। इसको लेकर शासन व प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी की है। देशभर में लॉकडाउन 3.0 चल रहा है। प्रशासन लगातार लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहा है। लेकिन एक बड़ी तादाद में मजदूर तबका यूपी के बाहर मेहनत मजदूरी करता है। जिसके सामने लॉक डाउन के चलते खाने रहने की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। और दूसरे प्रदेश में फंसे प्रवासी प्रदेश सरकार से घर वापसी की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में फंसे यूपी के प्रवासियों को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी है। हजारों की संख्या में अन्य राज्यों में फसे प्रवासियों को बसों व ट्रेनों द्वारा उनके गृह जनपद लाया जा रहा है। लेकिन शामली के हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते प्रवासी मजदूर पैदल चलकर ही अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। शामली प्रशासन ने ना तो उनके रहने की कोई व्यवस्था कराई है, और ना ही उन लोगों के यूपी में आने के बाद कोई जांच की गई है।