एक महिला दूसरी महिला से बयां कर रही है कौन सा दर्द देखे कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी के दृष्टिकोण से

2020-05-06 1

देश में लागू तीसरे चरण के लॉक डाउन में शराब की दुकानें खोलने की छूट मिलने के साथ ही शराबियों की मन मांगी मुराद पूरी हो गई. जैसे ही दुकानें खुली, भारी संख्या में लोग शराब खरीदने के लिए उमड़ पड़े .कई जगह लंबी-लंबी लाइने नजर आई, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन भी होता नजर आया.ऐसे में मजबूरन प्रशासन को कुछ दुकानें बंद करवानी पड़ी बहुत से लोगों ने तोभविष्य में फिर से दुकानें बंद होने की आशंका को देखते हुए शराब का संग्रह करके भी रख लिया. शराब के शौकीन लोग जो कई दिन से बिना शराब के घर में कैद होकर रह रहे थे और शराब की तलब शिद्दत से महसूस हो रही थी, उन्हें शराब मिलने के बाद वे अब बेहद खुश नजर आ रहे हैं. लेकिन एक तबका और है जिसकी मुराद अभी पूरी नहीं हुई है. जी हां गृहिणियां शराब की दुकानें खोलने के फैसले से खुश नहीं है. उनका मानना है कि शराब जैसी हानिकारक वस्तु की बिक्री शुरू करने की बजाय सरकार को ब्यूटी पार्लर खोलने की अनुमति देनी चाहिए थी जिससे घर के कामों से बेहाल महिलाओं को खुद को संवारने का मौका मिल सके क्योंकि महिलाएं कई दिनों से बिना रुके घर के कामों में व्यस्त हैं . लोक डाउन के कारण पुरुषों के घर में ही रहने से उनका कामकाज और भी बढ़ गया है, और इससे उनकी सुंदरता पर असर पड़ा है और उन्हें खुद पर ध्यान देने का वक्त से नहीं मिल रहा है. वे खुद को मेंटेन नहीं रख पा रही हैं, इसलिए ब्यूटी पार्लर खुलने ही चाहिए .गृहिणियों की पीड़ा को कार्टून के माध्यम से दर्शा रहे हैं कार्टूनिस्ट सुधाकर

USER_SUDHAKAR SONI

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