इटावा। जनपद के नेशनल हाईवे 2 पर दिखाई दे रहे ये प्रवासी दिहाड़ी मज़दूर अपने घर पैदल जाने को मजबूर है। ये मजदूर दिल्ली से कानपूर तक का सफर तय करने वाले है। ये फैसला करीब 437 किलोमीटर है, जो ये बिना किसी सुविधाओं के तय करने की कोशिश कर रहे है, जिस वजह उनके पैरों में छाले तक पड़ गए है। जब मीडिया कर्मियों ने उनसे कैमरा पर बात करनी चाही तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया क्यूंकि इनका मानना है की सरकार इनकी मदद नहीं कर रही है, और अगर वो ये बात कहते है तो प्रशासन उन पर कार्यवयही कर सकता है। अब प्रश्न ये की जहा सरकार शिक्षकों को बस सुविधा उपलब्ध करवा रहा है क्या वह इन मज़दूरों को इतना लम्बा सफर पैदल ही तय करना होगा ?