तीसरे चरण के लॉकडाउन में सरकार लगातार बिना रणनीति के बंद करने के फैसले पर घिर रही है। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि 17 मई के बाद की क्या रणनीति है? वहीं श्रमिकों का पलायन या रेल से उन्हें उनके घर पहुंचाने में हुई देरी पर भी विपक्ष सरकार का घेर रहा है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि पहले चरण का लॉकडाउन शुरू करने से सप्ताहभर पहले ही इन विशेष ट्रेनों से पहुंचा दिया जाना चाहिए था, ताकि कोरोना का संकट उनके साथ उनके गांवों तक जाने का अंदेशा नहीं रहता।मजदूर घर चले भी गए तो उनके खाने के लिए केंद्र ने अब तक कोई पैकेज जारी नहीं किया है। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई। साथ ही कहा कि बेरोजगारी दर पर कंट्रोल करने में सरकार की नाकामी के कारण आम लोगों के जीवन में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार की कोरोना महामारी पर कोई रणनीति ना होने की आलोचना की गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने किस पैमाने पर लॉकडाउन का यह तीसरा चरण लागू किया। साथ ही यह भी सवाल उठाया गया कि 17 मई के बाद की केंद्र सरकार ने क्या योजना बनाई है। आपको बता दें कि भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब हर दिन चार हजार तक बढ़ने लगी है। बुधवार सुबह तक संक्रमितों की कुल संख्या 49,391 पहुंच गई।