कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए स्वामी ने मांग की थी। वक़्फ़ बोर्ड के वकील ने स्वामी के मांग का विरोध किया है। पक्षकार नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की दलील को खारिज़ कर दिया।