लॉक डाउन का तीसरा चरण कई छूट के साथ आज से शुरू हो गया है .यह लॉक डाउन 17 मई तक चलेगा. सरकार ने देश के जिलों को तीन जोनों में बांटते हुए अलग-अलग तरह से रियायतें दी है. सबसे ज्यादा छूट ग्रीन जोन वाले जिलों में मिली है जहां पर संक्रमण बहुत कम है या नहीं है. थोड़े ज्यादा संक्रमण वाले जिलों को ऑरेंज क्षेत्र में रखा गया है वहां पर भी कुछ गतिविधियों की छूट है ,लेकिन रेड जोन वाले एरिया में बहुत ही कम छूट दी गई है सरकार ने जो रियायतें दी है उनमें शराब की दुकान खोलने की छूट भी शामिल है .आज से देश में शराब की दुकानें खुल गई है, और शराब के शौकीनों की बहु प्रतिक्षित तमन्ना पूरी हो गई . ये लोग इतने दिनों से शराब के बिना किसी तरह अपना गुजारा कर रहे थे .दुकानें खुलते ही उनकी बांछें खिल गई और शराब की दुकानों पर बिना सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें उमड़ पड़े .इस तरह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई. जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि संक्रमण के इस दौर में क्या शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देना जरूरी था ? उसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है कि राज्य और केंद्र सरकारों के राजस्व का एक बहुत बड़ा हिस्सा शराब की बिक्री से ही आता है और शराब की दुकानें बंद होने के कारण सरकारों को राजस्व मिलना बंद हो गया था. इस वजह से यह निर्णय करना पड़ा .मगर यह आशंका जताई जा रही है कि सरकार के राजस्व की पूर्ति करने वाला यह निर्णय कहीं जनता पर भारी न पड़ जाए. इसी मुद्दे को कार्टून के माध्यम से उठाया है कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी में