नई आफत: कोरोना के साथ टिड्डी का खतरा
पाक में पनप रहे टिड्डी के समूह
ईरान में भी टिड्डी की स्प्रिंग ब्रीडिंग
पहले ओलावृष्टि फिर कोरोना की मार से जूझ रहे प्रदेश के किसानों के सामने एक और बड़ा संकट खड़ा हो रहा है। इस बार यह संकट है टिड्डी हमले का। प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में टिड्डियों ने छोटे छोटे दल के रूप में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस माह कभी भी टिड्डी दल यहां बड़ा हमला सकता है। जानकारी के मुताबिक श्रीगंगानगर और जैसलमेर के कुछ क्षेत्रों मंे टिड्डी दल प्रवेश कर चुका है। जैसलमेर के सम क्षेत्र में भुवाना, धनाना, लंगतला व बछियाछोर आदि क्षेत्रों में तथा रामगढ़ में मीरवाला, आसुतार, लोंगेवाला, घोटारू आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में टिड्डी दल पहुंचे हैं। हालांकि यह छोटे.छोटे पेचेज में हैं। टिड्डी नियंत्रण विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं तथा इन्हें नष्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बारानी क्षेत्र में देखी गए टिड्डी दल
इसी प्रकार श्रीगंगानगर के रायसिंह नगर क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में टिड्डी दल ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। हालांकि टिड्डी की यह संख्या अभी सीमित है। किसानों की सूचना पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण कर किसानों को टिड्डी दल पनपने से रोकने के लिए खरपतवार को खेतों से नष्ट करने की सलाह दी है। किसानों के मुताबिक बारानी क्षेत्र के खेतों में कुछ संख्या में टिड्डी देखी गई। जिसकी सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों को दी। कृषि विभाग ने किसानों को कंटीली पोहली खरपतवार को नष्ट करने की सलाह दी है। वहीं पाक सीमा से भारतीय सीमा के गांव कोठा एवं हिंदुमलकोट और रेणुका क्षेत्र में फसलों पर छितराई हुई टिड्डियां देखी गईं। ग्रामीणों ने कृषि विभाग को सूचना दी। कृषि अधिकारियों ने बीएसएफ पोस्ट गेट नंबर 5 से हिंदुमलकोट गेट नंबर 6 के बीच एवं रेणुका बीएसएफ पोस्ट के पास उड़ रहे टिड्डी दल पर दवा का छिड़काव किया। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सीमा के आसपास अभी तक गेहूं की कटाई का काम हो रहा है। फसल के रंग की ये टिड्डियां मुश्किल से पहचान में आ रही हैं। वहीं, ये एक दल के रूप में नहीं हैं। ये कहीं.कहीं छितराई हुई लगभग दो वर्ग किलोमीटर एरिया में पसरी हुई हैं। टिड्डी अभी ज्यादा उड़ान भरने में सक्षम नहीं हैं।