एक ओर जहां देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा तो वहीं कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकियों के मंसूबे को नाकाम करने में जुटे हुए हैं।
28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में सुरक्षा बलों को आतंकियों के होने की खूफिया जानकारी मिली थी।
सेना ने बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया और 1 मई को दिन में 3 बजे पहली बार आतंकियों आमना-सामना हुआ।
इस दौरान आतंकी भाग गए और 24 घंटे बाद हंदवाड़ा में नागरिकों को बंधक बनाते हुए एक घर में छिप गए।
2 मई को खूफिया सूचना के आधार पर हंदवाड़ा में घर को घेरने को लेकर ऑपरेशन शुरू किया गया। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल आशुतोष शर्मा अपनी टुकड़ी के साथ वहां पहुंचे। साथ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शकील काजी भी थे।
करीब 15 घंटे चले ऑपरेशन में सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। इसमें एक लश्कर-ए-तोइबा का कमांडर है, जो पाकिस्तानी नागरिक बताया गया। बंधक बनाए गए परिवार को भी छुड़ा लिया गया।
मुठभेड़ में 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, इसी बटालियन के मेजर अनुज सूद, नायक राजेश कुमार, लांस नायक दिनेश सिंह तथा जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर शकील काजी शहीद हो गए।
जवानों की शहादत पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया- 'हंदवाड़ा में शहीद हुए हमारे साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने राष्ट्र के लिए अत्यंत समर्पण के साथ काम किया और हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए अथक परिश्रम किया। उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति संवेदना।