कोरोना के इस संक्रमण के बीच पूरा देश अपने घरों में कैद है. देश के तमाम बड़े-बड़े मंदिर बंद हैं. वहीं रमजान के पवित्र महीने में अगर बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ें तो यह आस्था से ज्यादा बेवकूफी लगती है. क्योंकि आप इस तरह भीड़ में जाकर खुद को ही नहीं बल्कि अपने परिवार को भी खतरे में डालते हैं.