अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में लगाई गईं पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा, हमारा काम था कि आजादी और सुरक्षा चिंताओ के बीच संतुलन कायम करना. कोर्ट ने कहा, इंटरनेट के बेजा इस्तेमाल और सूचनाएं फैलाने के इंटरनेट के रोल के बीच के फर्क को हमें समझना होगा. कोर्ट कश्मीर की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करेगा. कोर्ट का दायित्व है कि नागरिकों को सभी सुरक्षा और अधिकार मिले. कोर्ट ने कहा, जम्मू-कश्मीर में पाबंदी को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों की अगले 7 दिनों में समीक्षा होगी.