पत्रकारों से बात करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा,' वो (पाकिस्तान) कह रहे हैं कि अगर आप एक कदम शांति की ओर बढ़ाते हैं तो हम 2 कदम बढ़ाएंगे. यह उनकी कथनी और करनी के बिल्कुल उलट है. पहला कदम उनकी तरफ से सकारात्मक शुरुआत का होना चाहिए, उसके बाद हम दूसरा कदम तभी उठाएंगे जब हम देखेंगे की वह कदम जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी है. तब तक हमारे देश की नीति साफ है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती.'