केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की मुहर लगते ही तीन तलाक पर कानून पास हो जाएगा. इस अध्यादेश के तहत पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही FIR दर्ज करा सकते हैं. मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा. ट्रायल से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है. इसके साथ ही एक बार में तीन तलाक की पीड़ित महिला मुआवजे की हकदार होगी.