पहले तो पैसे थे ही नहीं कि बटुआ रखना पड़े. पहली बार विधायक बना तो सरकार की ओर से पैसे आने लगे तो बैंक में खाता खुला. खाते में पैसे आने लगे. हर महीना जो भी मेरा खर्च होता है उतना मैं उठाता हूं, जो भी मेरा स्टाफ होता है, उस दे देता हूं कि दाल-सब्जी का खर्च मैनेज करें.....देखिए VIDEO