BSP सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन बिल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान के कहा कि इस विधेयक के जरिए बीजेपी धर्म के आधार पर नागरिकता और नागरिक में धर्म के आधार पर भेदभाव करना बुनयादी ढांचे के विरुद्ध है. इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी और जीएसटी की तरह ही संशोधन बिल को देश पर जबरदस्ती थोपने की बजाय फिर से सोचने की जरुरत है.