सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले की तीन सदस्यीय न्यायिक जांच का आदेश दिया है. जांच का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वीएस सिरपुरकर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अदालत के अगले आदेश तक कोई अन्य अदालत या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा. सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े (Chief Justice SA Bobde) ने कहा, हम मानते हैं कि मुठभेड़ की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. जस्टिस बोबड़े ने कहा, यदि आप कहते हैं कि आप उन पर मुकदमा चला रहे हैं (पुलिसवाले मुठभेड़ में लिप्त हैं), तो हमारे लिए ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन अगर आप कहते हैं कि वे निर्दोष हैं तो लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए. हम तथ्यों को ग्रहण नहीं करना चाहते हैं. जांच होने दीजिए, आप इसके लिए प्रतिरोधी क्यों हैं?