वित्तमंत्री ने यह बजट ऐसे वक्त पेश किया है जब देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आई है. खराब मानसून की आशंका, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और व्यापारिक युद्ध की चुनौतियां पहले से ही सामने हैं. बढ़ते व्यापारिक तनाव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है. 2019 के पहले तीन महीनों में जीडीपी कम होकर 5.8 फीसदी हो चुकी है, जो पांच सालों का न्यूनतम स्तर है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से भी नीचे जा चुकी है, जो 6.4 फीसदी है.