सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया जाता रहता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से नौकरी छूटने और वेतन में कटौती को लेकर भी लोगों में दहशत का माहौल है। ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इस दहशत ने पेंशनरों को भी नहीं बख्शा। व्हाट्सएप और फेसबुक पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि सरकार कर्मचारियों की पेंशन में 30 प्रतिशत की कटौती करने जा रही है और 80 साल से अधिक उम्र वालों की पेंशन खत्म कर देगी। वायरल हो रहे दावे के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि पैसे को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च किया जा सके और कोरोना वायरस महामारी के बुरे प्रभाव से देश को बचाया जा सके। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। इस पोस्ट की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। जांच के अनुसार वायरल पोस्ट का ये दावा फर्जी निकला है।
यह हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर दावा कि कोविड—19 महामारी देखते हुए सरकार कर्मचारियों की पेंशन 30 फीसदी तक घटा सकती है। साथ ही 80 साल पार भूतपूर्व कर्मचारियों की पेंशन बंद करने की तैयारी कर रही है। इसमें कुछ सोशल मीडिया यूजर्स अपने दावे के पक्ष में एक वेबसाइट का लेख भी फॉरवर्ड कर रहे हैं, जो 6 अप्रेल को वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। इस लेख की हेडिंग है, "सरकार कर्मचारियों के पेंशन में कर सकती है 30 फीसदी तक की कमी"।
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