सरयू राय की बगावत,अर्जुन मुंडा की अदावत, बाबूलाल मरांडी का खेल में आखिरकार रघुबर दास फेल हो गए। रघुबर दास चुनाव हार गए हैं। ठीक 25 साल बाद रघुबर दास राजनीति के रास्ते में कांटे के मुकाबले में फंसे थे लेकिन यह कांटा उनके रास्ते की कील बन गया। एक तरफ सरयू राय ने लहर उठाई तो दूसरी तरफ कांग्रेस के गौरव बल्लभ में ताल ठोंकी और फिर रघुबर दास का वर्षों पुराना भरभराकर ढह गया। सरयू लहर में मुख्यमंत्री रघुबर दास के तीन मंत्री भी डूब गए हैं। इसमें समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांड, श्रममंत्री राज पलिवार और सिंचाई मंत्री रहे रामचंद्र सहिस का नाम शामिल है।