नीमच पर्यटन स्थल सुखनन्द में बंदरो के भूखे मरने की नोबत। लॉक डाउन के मद्देनजर पर्यटकों की आवाजाही बंद हैं। गर्मी का मौसम हैं। हरियाली समाप्त हो चुकी हैं। ऐसे करीब 550 बंदरो भूखे रह कर दिन काट रहे हैं। जिलामुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर जावद तहसील के पर्यटक स्थल सुखनन्द में 550 बंदर भूखे हैं। जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। पहाड़ो की तलहटी पर बने सुखनन्द धाम पर गर्मियों में पर्यटकों का तांता लगा रहता हैं, लेकिन वर्तमान में देश में लॉक डाउन हैं। इस परिस्थिति में सुखनन्द पर सन्नाटा पसरा हैं। गर्मियों में लगने वाला मेला भी स्थगित हो गया हैं। ऐसे में यहाँ मौजूद बंदर खाने को तरस रहे हैं। अमूमन यहां धार्मिक आयोजन होते रहते हैं व पर्यटक भी बंदरों को चने, बाटी व अन्य खाने की वस्तुएं दे देते थे, लेकिन लॉक डाउन की वजह से वो भी बंद हैं, हालांकि 1-2 सामाजिक संस्थाएं बंदरों के लिए बाटी उपलब्ध करवाती हैं, मगर बंदरों की तादाद के अनुसार उनकी पूर्ति नहीं हो पा रही हैं। गर्मी के कारण बंदर दोपहर में छाँव की तलाश में पहाड़ो को छोड़कर नीचे उतार आते हैं। शाम ढलते ही पुनः पहाड़ो में चले जाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुखनन्द में बंदरों के तीन अलग-अलग ग्रुप हैं। जो सभी अलग-अलग झुण्ड में रहते हैं। कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रशासन ने लॉक डाउन घोषित कर रखा हैं। ऐसे में मजदूर, गरीब व प्रवासियों को शासन राहत पैकेज व खाना बाँट रहा हैं, लेकिन मूक बंदर अपनी पीड़ा किसे सुनाए।