दुनियाभर में आतंक का दूसरा नाम बन चुका कोरोना वायरस ( coronavirus ) अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई देशों
की कमर तोड़ चुके कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल कोरोना वायरस को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे कि
ये घातक वायरस चीन ( China ) के वुहान ( Wuhan ) से आया है, वो बिल्कुल सही साबित हुए हैं। सारी जांच रिपोर्ट में यही दावा
निकल कर सामने आ रहा है। वो यही कहता है कि चीन से ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है। लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली
बात यह है कि चीन के द्वारा इस वायरस के बनने में अमरीका ( America ) का भी बड़ा हाथ है। आईए जानते हैं कैसे। कई मीडिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में फैलने वाला कोरोना वायरस चीन की मांस मार्केट से नहीं बल्कि चीन की लैब से निकला है। खास बात यह
है कि ये वायरस जिस चीनी लैब से निकला है वो अमरीका के ही पैसों पर चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी। यह चौंकाने वाला दावा एक
रिपोर्ट में किया गया है। खबर के मुताबिक, चीन में स्थित यह लैब अमरीकी सरकार की आर्थिक मदद पर चल रही थी। ये चीनी लैब चीन की
गुफाओं से निकाले गए चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही थी। एक विदेशी वेबसाइट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ
वीरोलॉजी में यह रिसर्च की जा रही थी। अमरीका सरकार ने इस शोध के लिए उसे करीब 10 करोड़ रुपये का ग्रांट दिया था। चीन की इस
लैब पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उसने ही यह वायरस फैलाया है। यह लैब वुहान की मांस मार्केट के पास ही है। उन्होंने शोध के
लिए 1000 मील दूर गुफाओं से चमगादड़ों पकड़े थे। आपको बता दें कि कोरोना वायरस से आज पूरे दुनिया में 18 लाख से ज्यादा लोग
संक्रमित हो गए हैं। इस वायरस की वजह से एक लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 404,939 लोग इस वायरस से
निजात पा चुके हैं। मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि उन्हें लैब से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो बताते हैं कि वहां वैज्ञानिक यूएस नैशनल इंस्टिट्यूट
ऑफ हेल्थ के फंड पर चमगादड़ों पर रिसर्च कर रहे थे। इस खबर ने अमरीका में भी तूफान ला दिया है।