गर्भ में शिशु और सिर पर कोरोना की आफत। ऐसे में लोगों की जान बचाने का जज्बा। बहुत विरलों में ही देखने को मिलता है। ऐसा समय जब दुनिया अपनों से और कुछ अपने अपनी जिम्मेंदारी से भाग रहे हों तो पूणे की एक महिला ने पूरे देश की तकदीर बदलकर रख दी। कोरोना को टेस्ट करने के लिए एक ऐसी किट तैयार की, जिससे अब देश में न केवल तेजी से कोरोना को टेस्ट किया जा सकेगा बल्कि यह विदेशी टेस्ट किट से काफी सस्ती होगी। जी,हां बात कर रहे हैं। वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले वह एक निजी कंपनी में रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्रमुख हैं। मीनल दखावे उस टीम की प्रमुख हैं जिसने कोरोना वायरस की टेस्टिंग किट यानी पाथो डिटेक्ट तैयार किया है। वो भी बेहद कम समय में। ऐसी किट को तैयार करने में अमूममन तीन से चार महीने का वक़्त लगता है लेकिन इस टीम ने रिकार्ड छह सप्ताह में इसे तैयार कर दिया। 10 वैज्ञानिकों की टीम ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए काफ़ी मेहनत की। सबसे बड़ी बात यह है कि यह ऐसी कोरोना टेस्टिंग किट है जो कि विदेशी टेस्टिंग किट से चार घंटे पहले ही रिपोर्ट दे देगी कि कौन सा व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव है और कौन सा नहीं। जिस समय मीनल ने यह किट तैयार की। उस समय वह भी डॉक्टर द्वारा दी गई दूसरी डेडलाइन का सामना कर रही थी। वह गर्भवती थी और पिछले ही सप्ताह उन्होंने बेबी गर्ल को जन्म दिया है। गर्भावस्था के दौरान ही मीनल ने बीते फ़रवरी महीने में टेस्टिंग किट प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया और अपने बच्चे को जन्म देने से महज़ कुछ घंटे पहले तक लगातार काम करके भारत के पहला वर्किंग टेस्ट किट सौंप दिया। मीनल बताती हैं कि इस आपातकालीन को उन्होंने एक चुनौती के रूप में लिया। यह देश की सेवा करने का असली मौका है और फिर हमारी टीम ने दिन रात एक कर दिया। बेटी को जन्म देने से महज एक दिन पहले हमने 18 मार्च को उन्होंने टेस्टिंग किट की परख के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा दिया। इतना ही नहीं उसी शाम को यानी अस्पताल में जाने से पहले, उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फ़ूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक अनुमति के लिए भेजा.और अब यह बाजार में सबके लिए उपलब्ध है। मीनल भोसले ने बताया कि अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी दसों टेस्ट के नतीजे एक समान होने चाहिए. हमने यह परफ़ेक्शन हासिल कर लिया. हमारी किट परफैक्ट है।