निर्भया ( Nirbhaya Gangrape Case ) के दरिंदों ने फ ांसी से बचने के लिए जो नया उपाय ढूंढकर अदालत का रुख अख्तियार किया था उसमें नया मोड़ आ गया है। जब पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई तो अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज उन्हें पहले ही मुहैया करा दिए हैं। अभियोजन ने दिल्ली की अदालत को बताया कि दोषी विलंब की तरकीब अपना रहे हैं। वहीं दोषियों ने आज अदालत में तिहाड़ प्रशासन पर एक बड़ा आरोप लगा दिया है। दोषियों के वकील ने कहा कि तिहाड़ में दोषी विनय शर्मा को धीमा जहर दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन कोई चिकित्सा रिपोर्ट नहीं दी जा रही। वहीं निर्भया के दोषी मुकेश के लिए फ ांसी से बचाव के सारे रास्ते बंद हो जाने के बाद अब उसने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका ठुकराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गौरतलब है कि मौत की सजा पाए दोषी के लिए बचने का यह अंतिम रास्ता होता है। जब राष्ट्रपति किसी की दया याचिका खारिज कर दे तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। यह चुनौती दोषी को दया याचिका खारिज होने के 14 दिन के अंदर करनी होती है। अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है तो फिर मुकेश के पास सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और नियत तारीख को उसे फांसी हो सकती है।